Thursday, March 25, 2010

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तेरी याद

"क्यों
आज फिर तुम्हारी याद गई?

आँखों में दो बूँद आंसू के ला गई,

क्यों
आज फिर हम हंस के रो सके?

हमें
फिर उस मंज़र पर पहुंचा गई,

क्यों आज फिर तुम्हारी याद गई?

आँखों में दो बूँद आंसू के ला गई.........

सपना
कभी था कि चाहत में जिए ,

चाहत
ही हमारे सपनो को रुला गई,

न जीना ही चाहे न मर भी सके,

हमारे
जीने की वो आखिरी वजह भी मिटा गयी,

क्यों
आज फिर तुम्हारी याद गई?

आँखों में दो बूँद आंसू के ला गई ..........."


गलती


"खुद
से ज्यादा प्यार किया मैंने उसे,
हर पल चाहा उसके सिवा कुछ भी नही ,

सारी
गलती मेरी उसकी कुछ भी नही..........
चाहा उसे,पूजा उसे माँगा रब से उसके सिवा कुछ भी नही,
सारी गलती मेरी थी कुछ भी नही..........

क्यों मै उसे अपनी जिंदगी कि मंजिल समझ बैठा?
कि अब जीने को रह गया कुछ भी नही......

क्यों मैने उसे इतना अपना मान बैठा ?
कि अब खोने को को रह गया कुछ भी नही,
आखिर ........
सारी गलती मेरी थी ही कुछ भी नही..........

Written By:-
My Duffer Best Friend
Amardeep



कीमत


"आज अकेलापन महसूस हो रहा है,
क्योकि
आज साथ की कीमत जानी है .


आज
फिर लग रहा है कुछ खो गया है,

क्योकि आज पाने की कीमत जानी है .

आज
फिर आँखों में आंसू आ रहे है,

क्योकि
आज मुस्कुराहट की कीमत जानी है .


आज फिर लग रहा है मै अकेली ही रहूंगी सदा,
क्योकि आज साथ की कीमत जानी है .

आज फिर एहसास हो रहा है मौत का ,
क्योकि आज ही जिंदगी की कीमत जानी है .

आज फिर चला गया एक पल और एक पल,
क्योकि आज ही पल की कीमत पहचानी है .

आज फिर सोच कर, सोच में हो गई गुम,
क्योकि
आज विचारो की कीमत जानी है ........"



Written By:-
A bhms student
Ms.Rachna Shrivastva








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